5 औपचारिक पत्र | औपचारिक पत्र किसे कहते हैं (Aupcharik Patra Kise Kahate Hain)

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आज हम इस लेख में आपको औपचारिक पत्र Format के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी बताएंगे तथा यह भी बताएंगे कि औपचारिक पत्र क्या है?, औपचारिक पत्र कौन से होते हैं?, औपचारिक पत्र कैसे लिखे जाते हैं? 5 औपचारिक पत्र इसका इस्तेमाल कहां और कब किया जाता है?

औपचारिक पत्र लेखन हिंदी | औपचारिक पत्र किसे कहते हैं? (Aupcharik Patra Format Class 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12)

इसी के साथ औपचारिक पत्र Class 9 कक्षा 10, तथा औपचारिक पत्र लेखन हिंदी Class 11 के लिए औपचारिक पत्र कैसे लिखें?, इसके बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे।

जैसा कि हम सब जानते हैं जब हमें कहीं जाना होता है या फिर हमारी तबीयत खराब हो जाती है तो हम स्कूल या कॉलेज नहीं जा पाते हैं।

इसके लिए हम एक औपचारिक पत्र प्रधानाचार्य को लिखकर देते हैं परंतु किसी भी पत्र को लिखने का एक फॉर्मेट होता है, तो यह जानना जरूरी है की औपचारिक पत्र का फॉरमैट (Aupcharik Patra Format) क्या होता है? तो आइए शुरू करते हैं:

Table of Contents

औपचारिक पत्र को इंग्लिश में क्या कहते हैं? (Aupcharik Patra In English)

औपचारिक पत्र को इंग्लिश में फॉर्मल लेटर (Formal Letter) कहा जाता है।

औपचारिक पत्र क्या होता है? (Aupcharik Patra Kise Kahate Hain)

यह एक महत्वपूर्ण पत्र होता है। यह पत्र हम उन लोगों को लिखते हैं जिनके साथ हमारा कोई निजी संबंध नहीं होता है। इसका मतलब हम उनसे किसी रिश्ते या पारिवारिक संबंध से नहीं जुड़े होते हैं। उनसे हमारा संबंध अधिकारिक रूप से होता है। ऐसे लोगों को जब हमें कार्य या अन्य आवश्यकताओं के लिए पत्र लिखना पड़ता है।

तब हम शिष्टाचार की भाषा में पत्र लिखकर उन्हें अवगत कराते हैं और उस कार्य के लिए आज्ञा मांगते हैं। इस पत्र को औपचारिक पत्र कहा जाता है। सरल भाषा में कहा जाए तो ऐसे पत्र जो शिष्टाचार तथा आज्ञात्मक कार्यों के लिए लिखा जाता है, उस पत्र को औपचारिक पत्र (Opcharik Patra) कहा जाता है।

इसका महत्व हर क्षेत्र में बहुत अधिक होता है। स्पष्ट तथा सरल भाषा में लिखे गए पत्र में कम शब्दों में अपनी बात कहनी होती है। यह पत्र आपकी औपचारिक तथा संक्षिप्त भावनाओं को व्यक्त करता है। जिससे उस कार्य के लिए आपको आज्ञा मिल जाती है।

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औपचारिक पत्र कब लिखते हैं

वैसे तो पत्र लेखन (Letter Writing) कई प्रकार के होते हैं। जिसमें हम अलग-अलग विषयों के बारे में बात करते हैं परंतु औपचारिक पत्र एक ऐसा पत्र है, जहां पर हम किसी समस्या से ग्रसित होने के बाद या फिर किसी कार्य को करने में असमर्थ होने के बाद लिखते हैं ताकि अधिकारी या प्राध्यापक को हमारी अनुपस्थिति के बारे में पता कर सके।

हमें यह औपचारिक पत्र लेखन की आवश्यकता होती है, जब हमें बुखार स्कूल जाने में असमर्थ किसी कार्य को कर पाने में असमर्थ, छुट्टी किसी कार्य को प्राप्त करने के लिए आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं के आधार पर औपचारिक पत्र अलग-अलग प्रकार से लिखे जाते हैं।

उदाहरण के लिए सोनू नाम का लड़का बुखार के वजह से स्कूल नहीं जा पाता है तो वह अपने प्रधानाचार्य को औपचारिक पत्र लिखता है। इस पत्र में अपने बीमार होने की  स्थिति को बताता है और छुट्टी के लिए आग्रह करता है। यह पत्र अपने दोस्त के माध्यम से प्रधानाचार्य तक पहुंचाता है। इस तरह से औपचारिक पत्र लिखा जाता है।

औपचारिक पत्र की आवश्यकता क्यों है (Aupcharik Patra Mein Kin Patron Ko Shamil Kiya Jata Hai)

जैसा कि हम सब जानते हैं पुराने समय में टेलीफोन, मोबाइल फोन, ईमेल तथा आधुनिक तकनीक उपलब्ध नहीं थी। उस समय पत्र के माध्यम से ही लोग अपनी बातें एक दूसरे तक पहुंचाया करते थे। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान समय में भी पत्र की आवश्यकता को एक कुशल संसाधन माना गया है।

यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में लंबे समय तक  रखना संभव होता है। कभी-कभी ई-मेल या अन्य आधुनिक साधनों के माध्यम से भेजे गए संदेश Delete हो जाते हैं, तो इस पत्र के माध्यम से हम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं इसीलिए पत्र की आवश्यकता पड़ी है।

औपचारिक पत्र के प्रकार (Types Of Format Letter)

औपचारिक पत्र को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बांटा गया है जो इस प्रकार है:

1. प्रार्थना पत्र

इन पत्रों के माध्यम से हम आग्रह, प्रार्थना या निवेदन करते हैं। जिससे कि हम किसी अवकाश, शिकायत, सुधार आदि के लिए पत्र लिखकर प्रार्थना करते हैं, इस प्रकार के पत्र को प्रार्थना पत्र कहते हैं।

उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति कॉलोनी में रहता है और उसके घर पानी नहीं पहुंच पा रहा है तो वह शिकायत के रूप में प्रार्थना पत्र लिखता है और उनसे आग्रह करता है कि उसकी समस्या का जल्द से जल्द निराकरण किया जा सके।

2. कार्यालयी पत्र

यह पत्र कार्यालयों में काम काज से संबंधित कार्यों को निरंतर चलाने के लिए लिखा जाता है, इन पत्रों को कार्यालयी पत्र कहा जाता है। इनमें परिवहन विभाग, थाना प्रभारी, स्कूल प्रधानाचार्य, डाक अधीक्षक, स्वास्थ्य विभाग, रेलवे विभाग आदि में इन पत्रों का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण के लिए जब कोई  कर्मचारी अपने वरिष्ठ अधिकारी को विभाग से संबंधित पत्र लिखता है। जिसमें वह विभाग की स्थिति तथा अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, तब यह पत्र लिखा जाता है।

3. व्यवसायिक पत्र

यह पत्र व्यवसाय तथा व्यापार में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें किसी भी सामान को खरीदने या बेचने के लेन देन की प्रक्रिया को पत्र के रूप में लिखा जाता है, इस तरह के पत्र व्यवसायिक पत्र कहलाते हैं।

उदाहरण के लिए कोई दुकानदार अपने दुकान के लिए सामान मंगवाना चाहता है तो वह बड़ी दुकानदार को अपनी आवश्यकताओं वाली वस्तुओं के बारे में सूची बनाकर पत्र के माध्यम से पहुंचाता है।

औपचारिक पत्र का फॉरमैट (Aupcharik Patra Format Example)

औपचारिक पत्र लिखने का फॉर्मेट को कुल सात भागों में बांटा गया है जो इस प्रकार है:

1. पद तथा कार्यालय की स्थिति:- औपचारिक पत्र  लिखने के लिए सबसे पहले सेवा में या प्रति शब्द का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद हम पद का नाम तथा पता या कार्यालय का नाम लिखते हैं।

2. विषय:- इस बिंदु के अंतर्गत केवल संक्षिप्त में अपनी समस्या या पत्र के उद्देश्य को लिखा जाता है।

3. संबोधन:- इस बिंदु के अंतर्गत जिस व्यक्ति या पद के नाम से पत्र लिखा जा रहा है, उसे महोदय, माननीय, महोदया, आदरणीय आदि शिष्टाचार वाले शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

4. विषय वस्तु:- इसे मुख्य रूप से 2 अनुच्छेदों में बांटा गया है जो इस प्रकार है:

पहला अनुच्छेद:- इसके अंतर्गत सविनय निवेदन है कि या फिर निवेदन है कि इस वाक्य से आरंभ किया जाता है और अपने बारे में थोड़ी जानकारी दी जाती है। इसी बिंदु के अंतर्गत अपनी समस्या के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जाता है।

दूसरा अनुच्छेद:- इस बिंदु के अंतर्गत आप से विनम्र निवेदन है कि या निवेदन करने की प्रक्रिया के बारे में लिखा जाता है ताकि उस पर जल्दी से जल्दी कार्रवाई हो सके। अपनी बात पूरी करने के बाद धन्यवाद लिखा जाता है।

5. हस्ताक्षर व नाम:- धन्यवाद के बाद प्रार्थी या आज्ञाकारी शिष्य आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। उसके नीचे अपना नाम और हस्ताक्षर किया जाता है।

6. आवेदक का पता:- अब आप अपना पूरा पता लिख देते हैं इसमें वार्ड नंबर, राज्य, पिन कोड आदि डालते हैं।

7. दिनांक:- पत्र के दाहिनी ओर दिनांक लिखते हैं।

औपचारिक पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें (Patra Lekhan Anopcharik)

  • पत्र लिखते समय आपको सरल और आसान शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • पत्र के आरंभ सेवा में या प्रति शब्द का प्रयोग करके करना चाहिए।
  • विषय संक्षिप्त तथा समझने योग्य होना चाहिए।
  • लेख लिखते समय स्पष्ट और सुंदर लिपि में होना चाहिए।
  • पत्र लिखते समय मार्जिन लाइन का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • अध्यापक को पत्र लिखते समय नाम, कक्षा तथा दिनांक अनिवार्य लिखें।
  • पत्र को आकर्षक बनाने के लिए समस्या के बाद आग्रह तथा आज्ञा जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • यदि कोई समस्या बहुत बड़ी है तो उसे बिंदु अनुसार लिखना चाहिए।

Aupcharik Patra Kaise Likhte Hain – औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं?

1. बीमार होने के कारण प्रधानाचार्य को 3 दिन के अवकाश का प्रार्थना पत्र

सेवा में,

श्रीमान प्रधानाचार्य

महर्षि स्कूल

जबलपुर

विषय:- अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।

महोदय जी,

विनम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का कक्षा 9 का छात्र हूं। मुझे यह बताते हुए अत्यंत दुख हो रहा है कि आज मैं स्कूल नहीं आ पाऊंगा क्योंकि मेरी तबीयत खराब हो गई है। जिस वजह से मुझे चलने फिरने तथा अन्य कार्य करने में समस्या हो रही है।इसी के साथ डॉक्टर ने आराम करने की सलाह दी है। मैं 15 जनवरी 2024 से लेकर 17 जनवरी 2024 तक स्कूल आने में असमर्थ हूं।

अतः आपसे निवेदन है कि आप मुझे अवकाश देने की कृपा करें।

धन्यवाद

आपका आज्ञाकारी शिष्य

नाम दिनेश शर्मा

कक्षा – 9th

रोल नंबर – 250

दिनांक 14/01/2024

2. बहन के विवाह के लिए प्रधानाचार्य को अवकाश हेतु आवेदन पत्र

सेवा में,

श्रीमान प्रधानाचार्य

विवेकानंद स्कूल

भोपाल

विषय:- अवकाश प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र।

महोदय जी,

विनम्र निवेदन है कि मैं कक्षा 10 की छात्रा हूं। मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि मेरी बहन की शादी तय हो चुकी है और विवाह समारोह 20 जनवरी 2024 को भोपाल में रखा गया है। यहां पर मेरे परिवार तथा रिश्तेदार सभी आने वाले हैं। इस पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होना चाहती हूं, इसीलिए मैं 19 जनवरी 2024 से लेकर 21 जनवरी 2024 तक अवकाश लेना चाहती हूं।

अतः आपसे निवेदन है कि आप मुझे उपरोक्त दिनांक तक अवकाश देने की कृपा करें।

धन्यवाद

आपकी आज्ञाकारी छात्रा

दिशा वाजपेई

कक्षा 10वीं

रोल नंबर – 102

दिनांक – 17/01/2024

आशा करता हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य औपचारिक पत्र फॉर्मेट के बारे में जानकारी प्रदान करना है। हमने इस लेख में लगभग सारी जानकारी आपको प्रदान की है। यदि यह जानकारी पसंद आती है तो अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें ताकि उन्हें भी पत्र लिखने का तरीका पता चल सके।

औपचारिक पत्र Examples FAQs

औपचारिक पत्र कैसे लिखे फॉरमैट?

औपचारिक पत्र की शुरुआत सेवा में, लिखकर पद का नाम, विषय तथा विषय वस्तु के बारे में लिखा जाता है।

औपचारिक पत्र कितने प्रकार के होते हैं?

औपचारिक पत्र तीन प्रकार के होते हैं: प्रार्थना पत्र, कार्यालय पत्र तथा व्यवसायिक पत्र।

औपचारिक लेखन क्या है?

यह एक प्रारूप होता है, जिसमें अपनी समस्या तथा अन्य चीजों के बारे में अधिकारी या प्राध्यापक को बताया जाता है।

औपचारिक पत्र का दूसरा नाम क्या है?

औपचारिक पत्र का दूसरा नाम फॉर्मल लेटर है।

अंतिम शब्द: Aupcharik Patra Kise Kahate Hain – औपचारिक पत्र लेखन हिंदी Class

भाई लोग, इस आर्टिकल में हम Aupcharik Patra Format यानि Aupcharik Patra Kise Kahate Hain, Aupcharik Patra Mein Kin Patron Ko Shamil Kiya Jata Hai, Aupcharik Patra Kaun Se Hote Hain, Aupcharik Patra Kaise Likhte Hain सभी जानकारी प्राप्त की है।

अगर आप औपचारिक पत्र प्रधानाचार्य को लिखना चाहते है तो इसी “Format Of Formal Letter” ले सकते है।

यदि जानकारी अच्छी लगी है तो इससे उन दोस्तों तक शेयर करे जिससे औपचारिक पत्र कौन से होते हैं?, औपचारिक पत्र किसे कहते हैं? जानकारी चाहिए हो।

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